सेंसेक्स में 1,000 अंकों से अधिक की गिरावट :आज शेयर बाजार में मची उथल-पुथल के पीछे क्या है?

Stock Market Crash

Stock market crash: दोपहर 1:12 बजे, सेंसेक्स 1,051.88 अंक की गिरावट के साथ 76,261.90 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 321.15 अंक लुढ़ककर 23,060.45 पर आ गया। बाजार में अस्थिरता के चलते ज्यादातर अन्य व्यापक बाजार सूचकांक भी गिरावट के साथ लाल निशान में दिखे।

Stock market crash एक और दिन, एक और गिरावट!

वैश्विक और घरेलू कारकों के असर से मंगलवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिससे दलाल स्ट्रीट के निवेशकों को लगातार नुकसान झेलना पड़ा।

इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 1,000 से ज्यादा अंक टूटकर 77,000 के नीचे फिसल गया, जबकि निफ्टी 50 में भी तेज गिरावट दर्ज की गई।

दोपहर 1:12 बजे, सेंसेक्स 956.92 अंक गिरकर 76,354.88 पर आ गया, जबकि निफ्टी 294 अंक लुढ़ककर 23,087.60 पर पहुंच गया। बाजार में अस्थिरता बनी रहने के कारण ज्यादातर अन्य सूचकांक भी गिरावट के साथ लाल निशान में दिखे।

Nifty Bank,  Nifty Financial Services और Nifty IT जैसे उच्च-भारांक सूचकांकों में भारी गिरावट ने घरेलू बाजारों में मजबूत बिकवाली दबाव का संकेत दिया।

बाजार में कमजोरी की सबसे बड़ी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली है, जो फिलहाल थमती नहीं दिख रही।

इस निरंतर बिकवाली ने निवेशकों की धारणा को कमजोर कर दिया है। बीएनपी पारिबा एक्सेन की रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर यह रुख जारी रहा, तो बाजार की स्थिरता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया, “हालांकि मजबूत घरेलू निवेश के चलते भारत की FII पर निर्भरता पहले की तुलना में कम हो गई है, लेकिन विदेशी निवेशकों के पास अब भी भारतीय इक्विटी में करीब 800 बिलियन डॉलर का निवेश है। उनकी लगातार बिकवाली बाजार के लिए एक गंभीर जोखिम बनी हुई है।”

ऑटो, रियल्टी और फार्मा शेयरों पर दबाव

ऑटो, रियल एस्टेट और फार्मा सेक्टर के शेयरों में भारी गिरावट ने बाजार पर और दबाव बढ़ा दिया। इसकी मुख्य वजह तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजे और आने वाले साल के लिए सुस्त अनुमान मानी जा रही है।

घबराहट में निवेशकों की ओर से की गई बिकवाली के चलते हैवीवेट बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और आईटी सेक्टर के शेयरों में भी गिरावट देखी गई, खासकर स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्टॉक्स पर इसका ज्यादा असर हुआ।

मार्केट एक्सपर्ट विजयकुमार ने कहा, “मौजूदा मंदी के दौर में एक अहम ट्रेंड यह है कि लार्जकैप शेयरों ने व्यापक बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमशः 8.6% और 11.3% की गिरावट में हैं, वहीं निफ्टी केवल 1.52% नीचे है। यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने की संभावना है।”

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रुपये की गिरावट से निवेशकों में चिंता

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई तेज गिरावट ने दलाल स्ट्रीट के निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि आज रुपये में कुछ सुधार देखने को मिला, लेकिन यह अब भी दबाव में है, जिससे विदेशी निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचने लगे हैं।

बीते दिन की तुलना में हालात थोड़े बेहतर हैं, जब रुपया कुछ समय के लिए 87 के पार पहुंच गया था और अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि, मुद्रा में जारी उतार-चढ़ाव के चलते बाजार में अस्थिरता बनी रहने की संभावना है।

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