रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव पर अपनी राय साझा की है। उन्होंने कहा कि हालांकि ChatGPT जैसे AI टूल्स बेहद फायदेमंद हैं, लेकिन हमें अपनी सोचने-समझने की क्षमता को खोने नहीं देना चाहिए। अंबानी का मानना है कि AI को एक सहायक उपकरण की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि उस पर पूरी तरह निर्भर होकर उसकी पकड़ में आ जाना चाहिए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बहस लंबे समय से जारी है। इसके फायदे और खतरे को लेकर एक्सपर्ट्स अलग-अलग राय रखते हैं, लेकिन अब इस चर्चा में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने AI के बढ़ते इस्तेमाल पर कहा, “ChatGPT जैसे टूल्स जरूर इस्तेमाल करें, लेकिन असली तरक्की आपकी खुद की बुद्धि से होगी, न कि सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से।” अंबानी का मानना है कि AI को एक सहायक उपकरण की तरह इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन इंसानी सोच और निर्णय लेने की क्षमता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
AI के इस्तेमाल से बढ़ता खतरा
एआई के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर एक्सपर्ट पहले भी कई चिंताएं जता चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि एआई टूल्स आपके डेटा का इस्तेमाल करके आपसे भी तेज और बेहतर तरीके से सोच सकते हैं। असली चुनौती तब आएगी जब एआई इंसानों की तरह खुद फैसले लेने लगे। यही कारण है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। उनका कहना है कि युवाओं को एआई का गुलाम बनने के बजाय इसे एक सहायक उपकरण की तरह इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि वे खुद की बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता को बरकरार रख सकें।
ChatGPT से सीधी टक्कर.
मुकेश अंबानी का “एआई के गुलाम न बनें” वाला बयान ऐसे समय में आया है जब दुनियाभर में एआई को लेकर नई बहस छिड़ी हुई है, खासकर चीन के DeepSeek एआई चैटबॉट के चलते, जिसे सीधे ChatGPT का प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है। आज हर चीज तेजी से एआई से जुड़ रही है, जिससे यूजर्स का काम आसान हो रहा है। स्मार्टफोन कंपनियां भी लगातार नए एआई फीचर्स पेश कर रही हैं। इसी बढ़ते दायरे को देखते हुए मुकेश अंबानी ने एआई के जिम्मेदार और संतुलित इस्तेमाल पर जोर दिया है। उनका मानना है कि तकनीक हमारी सहायक होनी चाहिए, न कि उस पर हमारी पूरी निर्भरता बन जाए।
बिल गेट्स ने कहा AI से डरने की जरुरत नहीं
इस मुद्दे पर टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है। Microsoft के को-फाउंडर बिल गेट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संभावनाओं का एक विशाल भंडार है और इससे डरने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि इंसान हमेशा टेक्नोलॉजी को कंट्रोल करने की क्षमता रखता है, इसलिए हमें इसके इस्तेमाल को लेकर आशावादी रहना चाहिए। बिल गेट्स के अनुसार, AI हेल्थकेयर और एजुकेशन सिस्टम में बड़े सुधार ला सकती है, जिससे लोगों की जिंदगी आसान और बेहतर हो सकती है।
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